A Snake And Crow Story In Hindi

A Snake And Crow Story In Hindi, चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी

आज हम आपको A Snake And Crow Story In Hindi, चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी, Story of Courage and Wisdom In Hindi में आपको बताने वाले है.

चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी-

आज हम आपको चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी सुनाने वाले हैं जो की बहुत ही रोचक कहानी है और इस कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा यह हम साहस और एक बुद्धि की से भरी हुई कहानी भी कह सकते हैं.

एक बार घने जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था जिस पर कौवा और कौवी का एक जोड़ा रहता था उसी पेड़ के खोपले में एक दुष्ट सर्प भी रहता था. वह दुष्ट सर्प कौवा और कौवी के अंडे को हर साल निगल जाता था. 

एक दिन कौवा और काफी जल्दी भोजन करके लौटे थे और उन्होंने सर्प को उनके अंडों को झपटते हुए देखा तो ऐसा देखकर दोनों बहुत ही दुखी हुई तो कौवे ने कौवी से कहा कि डरो मत अब हमें अपने दुश्मन का पता लग गया है हम इससे बचने का जरूर कोई ना कोई उपाय ढूंढ ही लेंगे.

चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी
चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी

फिर सोच विचार करने के बाद कौवा और कौवी ने अपना नया घोंसला उसे पेड़ की ऊपर की टहनी पर बना लिया और कौवी से बोला कि अब इस नए घोसले में हमारे अंडे सुरक्षित रहेंगे यहां तक सर्प आने की कोशिश नहीं करेगा. क्योंकि उसे घोंसले के ऊपर चील मंडराती है जो की सर्प का दुश्मन है तो सिर्फ डर के मारे यहां आने का साहस नहीं करेगा.

फिर अगली बार कौवी ने उसे नए घोसले में अंडे दिए जहां उन्होंने उसे टहनी पर नया घोंसला बनाया था.

एक बार फिर दुष्ट सर्प पहले की तरह उसे घोसले में अंडे को खाने के लिए आया लेकिन वह घोसला सर्प को खाली मिला ऐसा देखकर सर्प ने सोचा कि वैसे तो कौवा और कौवी तो उसी पेड़ पर आते जाते हैं लेकिन इन्होंने घोंसला इसी पेड़ पर ही कहीं नया बना लिया है.

धीरे-धीरे सर्प ने उनका का नया घोंसला भी ढूंढ लिया और उसने देखा कि उसे नए घोसले में तीन नवजात बच्चे हैं दुष्ट सर्प ने उन तीनों बच्चों को निगल लिया.

जब शाम हुआ और दोनों भोजन करके लौटे तो उन्होंने देखा कि उनके घोसले में उनके बच्चे नहीं थे वह समझ चुके थे कि फिर से दुष्ट सर्प ने उनके बच्चों को निगल लिया है ऐसा देखकर कौवा और को भी बहुत परेशान और दुखी हुए कौवी  ने दुखी होते हुए कौवा से कहा कि ऐसे हम हर साल कैसे अपने बच्चों को खोते  रहेंगे तो कौवा बोला घबराओ मत हमारे सामने यह है एक बड़ी समस्या है और हम इस समस्या का समाधान अवश्य ढूंढेंगे.

इस जंगल में उसे कौवा  का एक मित्र था जो लोमड़ी थी तो कौवा ने मित्र लोमड़ी से इस समस्या का समाधान लेना चाहा और वह अपने मित्र लोमड़ी के पास गया और उसे पूरी समस्या को बताया तो मित्र लोमड़ी ने उसे इस समस्या का समाधान करने का सलाह दी.

लोमड़ी ने कहा कि आपको इस पेड़ से कहीं और जाने की जरूरत नहीं है हम एक योजना बनाते हैं उसे हिसाब से हम इस सर्प से छुटकारा पा सकते हैं और लोमड़ी ने पूरी योजना को कौवा और को भी को समझाया इसे सुनकर कौवा और को भी बहुत ही प्रसन्न हुए और वह अपने घोंसले पर चले गए.

A Snake And Crow Story In Hindi
A Snake And Crow Story In Hindi

अगले दिन उसे बनी हुई योजना को अंजाम देने का दिन था.

जिस जंगल में कौवा और कोवी भी रहते थे उसी जंगल में एक विशाल सरोवर था जहां पर कमल और नरगिस के फूल खिला करते थे उसे सरोवर पर हर गुरुवार को उसे प्रदेश के राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ जल क्रीड़ा करने आती थी और उनके साथ में उनके अंगरक्षक और सैनिक भी आते थे.

एक दिन जैसे ही राजकुमारी सरोवर में स्नान करने के लिए आती है और योजना के अनुसार कौवा उस राजकुमारी के कपड़ों को और आभूषणों को लेकर उड़ने लग जाता है कौवे को आभूषणों लेकर जाते उड़ता देख उनकी सहेलियों चीखने लग जाती हैं और कहती है देखो देखो कौवा आभूषण लेकर जा रहा है.

जैसे ही सहेलियां चीखने लगते हैं तो राजकुमारी के सैनिक उसे कौवे को ढूंढते हुए उसके पीछे-पीछे चलने लग जाते हैं वह भी धीरे-धीरे उड़ता है क्योंकि उसे भी योजना के अनुसार सैनिक को अपने पीछे लेकर आना था.

कौवा ने देखा है कि उसके सैनिक उसके पीछे-पीछे आ रहे हैं और उसने गहने को ले जाकर उसने उसे सर्प के बिल में छोड़ देता है एसा देख सैनिक की आभूषण को कौवे ने बिल में डाल दिया है तो वह उसे निकालने के लिए बिल को देखते हैं तो उन्हें उसे बिल में राजकुमारी का आभूषण और एक कुंडली मार कर बैठा हुआ सर्प दिखाई देता है.

जैसे ही उन्हें सर्प दिखाई देता है तो एक सैनिक कहता है हटो हटो पीछे हटो इस बिल में तो सांप बैठा हुआ है यह देखकर सैनिक ने उसे बिल के अंदर भाला देते हुए उसे सांप को मार देते हैं और आभूषण को ले लेते हैं इस प्रकार से उस कौवा और कौवी ने योजना के अनुसार और लोमड़ी की मदद से उसे दुष्ट सर्प से छुटकारा पा लिया और वह इस घोसले में इस पेड़ पर खुशी-खुशी रहने लगे.

Moral Of A Snake And Crow Story In Hindi-

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी घबराना नहीं चाहिए और कोई समस्या आए तो उसका साहस के साथ समाधान करना चाहिए अपने मित्रों को अपनी समस्या को बताना चाहिएऔर उनसे इस समस्या का निवारण पानी में सहायता भी लेनी चाहिए. 

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निष्कर्ष-

आशा करते है A Snake And Crow Story In Hindi, चतुर कौआ और दुष्ट सर्प की कहानी के बारे में आप अच्छे से समझ चुके होंगे.

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